संवाददाता: एम. एस. वर्मा, मनोज कुमार
जसवंतनगर/इटावा: चोरियों का खुलासा करने में जसवंतनगर पुलिस हुई नाकारा साबित.
पुलिस मस्त जनता त्रस्त
आपको बता दें, जसवंतनगर कस्बाआजकल चोरों की आराम स्थली बन गया है. चोरी चाहे छोटी हुई हो या बड़ी.,जसवंतनगर पुलिस के हाथ हमेशा से खाली ही रहे है.चोरियों का दर्द ये बे दर्द पुलिस बाले क्या समझेंगे. उनको पूछो जिनके यहाँ चोरी हुई है. जीवन की सारी कमाई चली जो गईं है.
*कहाँ कहाँ हुई चोरियाँ, चोरों का पता नहीं लगा पाई पुलिस.
सरस्वती एग्रीकल्चर सर्बिस रोड़ इटावा पर दो वार चोरों ने धावा बोला है.विजली दफ्तर के पीछे गली में नवनीत यादव की दो लाख नकद के साथ ज़ेवर गहने मिला कर करीब करीब 15 लाख की चोरी हुई थी. उस समय इस चोरी की घटना की रिपोर्ट भी पुलिस ने दर्ज नहीं की थी. उसके तुरंत वाद घनश्याम पुरा में दरोगा कुलदीप यादव के घर पर 12 लाख रुपयों की चोरी हुई थी.शान्ति मैरिज होम में हुई चोरी में जनरेटर का सारा सामान चोरी गया था. उसके बाद कमला बाटिका में भी चोरो ने जनरेटर बगैरह का सामान चोरी किया था.तहसील के सामने नवनिर्मित मेर्रिज होम की चोरी, 26अक्टूबर की रात्रि में सब्जी मंडी जसवंतनगर में दलवीर सिंह, जगवीर सिंह की दूकान से चोरों ने लहसन के कट्टे चोरी कर लिए थे. 18 नबंवर की रात्रि में चोरों ने नगला वर्माजीत में ह्रदेश कुमार के घर चोरी की घटना को अंजाम दिया है. और लाखों रुपयों का माल चोरी चला गया था. ये सब घटनाएं रात्रि में हुई थी. चोरों के मन में उत्साह पैदा हो गया तो फिर उन्होंने बड़े शहरों की तरह दिन दहाड़े चोरियाँ करना शुरू कर दिया
दिन दहाड़े त्रिवेणी कॉलोनी में अध्यापक के घर 5लाख की चोरी हुई थी चोरों का सी सी टी वी पुटेज भी सामने आया था.दो लोग चोरी करने के बाद मोटर साईकिल पर सवार होकर आराम से निकल लिए थे.
उसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डा. वीरेंद्र सिंह के सरकारी आवास पर दिन दहाड़े 18 लाख रुपयों की चोरी हुई थी. इन सब चोरियों का खुलासा आज तक पुलिस नहीं कर पाई है
चोरी की घटना में नाम दर्ज रिपोर्ट ब सबूत होने के बाबजूद भी पुलिस ने FR लगा दी.
क्या चोरों को बचाती है पुलिस.
उपर्युक्त हुई चोरियों का खुलासा तो पुलिस कर नहीं पाई थी तक तक,पुलिस का अजीबो गरीब मामला सामने आया है
पत्रकार एम एस वर्मा के गाँब हरकुपुर में चोरों ने पत्रकार का कळटीबेटर हल चोरी कर लिया था. जिसकी रिपोर्ट नाम दर्ज कराई गईं थी. दरोगा कमलकिशोर शर्मा को विवेचना मिली थी. उसने चोरों के मोबाइल लोकेशन(सी डी आर )निकलबाये थे.जो चोरी बाली जगह पर लोकेशन मिली थी. ये पक्का सबूत मिला था.
दूसरा सबूत, चोर अंशुल के भाई को दरोगा ने उठाया था. जिसे लाकर बैदपुरा थाने में बैठाया था. तो उसने ऑन कैमरा पूरी घटना का खुलासा कर दिया था.कि पुष्पेंद्र पुत्र स्व रक्षपाल क़ो हजरत पुर का रहने बाला है की बहिन संतोषी हरकुपुर में ब्याही है, उसने ही सारी घटना की प्लानिंग की थी उसके कहने पर पुष्पेंद्र ने अपने साथियों जिसमें हमारा भाई अंशुल पुत्र भारत सिंह , व सुनील पुत्र सियाराम को साथ लेकर हरकुपुर से कळतीबेटर हल चोरी कर लाये है. सुनील अपना ट्रेक्टर ले के गया था. ये वीडियो दरोगा कमल किशोर के पास था. दरोगा ने यह बीडियो पीड़ित को दिखया व सुनाया था. और कहा था अब क्या बाकी है साले चोर यही है
तीसरा सबूत .
चोरों के गाँब हजरत पुर, थाना बैदपुरा गांब के कई लोगों ने दरोगा कमल किशोर शर्मा को हल के बारे में बता दिया था.कि चोरी बाला हल कहाँ कहाँ छुपा कर रखा गया था. इतने सारे ईविडेन्स होने के बाद भी भृष्ट और बेईमान दरोगा कमल किशोर शर्मा ने चोरों से आर्थिक लाभ लेकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी.
जिसकी जानकरी ज़ब पत्रकार को हुई तो क्षेत्राधिकारी विवेक जावला को सारे सबूत दिखाए एवं बताये, तो उन्होंने एफ आर केंसिल कर विवेचना वापस भेज दी. जिसकी जाँच दुबारा से दरोगा ललित कुमार चतुर्वेदी को मिली. पीड़ित पत्रकार को थाना प्रभारी और दरोगा ललित कुमार चतुर्वेदी ने झासे में रखा कि अभी समय नहीं मिल रहा है. ज़ब समय मिलेगा या विवेचना शुरू करेंगे तो आपको अवगत करा देंगे.पीड़ित ने पुलिस की बातों पर विश्वास कर लिया.दरोगा ललित कुमार चतुर्वेदी ने . कमल किशोर शर्मा जो स्टॉफ का ही है. उसको बचाने के लिए और जाति बिरादरी का भी होने के कारण कमल किशोर शर्मा को बचाते हुये चुपके से एफ आर को ही सही मानकर विवेचना समाप्त कर न्यायालय भेज दी. और पीड़ित को गुमराह बना कर रखा गया कि अभी विवेचना शुरू ही नहीं की गईं है. ज़ब कि शासन से स्पष्ट आदेश है कि पीड़ित को कृत कार्यवाही से दरोगा अवगत करायेगा.दरोगा कमल ने रुपया देखा, और दूसरे दरोगा ने अपना स्टाफ और जाति विरादरी देखी.तब पत्रकार ने इस घटना को टिवीट किया किचोरी की घटना को एक साल होने जा रही है. हमारी विवेचना लंबित पड़ी हुई है तो इटावा पुलिस ने प्रतुत्तर में बताया कि आपकी बिबेचना समाप्त कर न्यायालय में दाखिल की जा चुकी है. तब पीढ़ित पत्रकार को सही जानकारी मिली.
जो चोरियाँ नगर में आज्ञात लोगों ने क़ी. उनका तो पुलिस पता लगा नहीं पाई और बिगाड़ नहीं पाई और जिस घटना में चोरो के नाम दर्ज रिपोर्ट हुई उनसे पूछताछ भी न करके मेल मिलाप करके खुला छोड़ दिया. ऐसा काम कर रही है जसवंतनगर पुलिस.
पुलिस की कार्य प्रणाली पर चोरी से पीड़ित लोग और नगर के लोग ऊँगली उठा रहे है. तो बुरा क्या है.