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जयपुर/अलवर: जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के किशनगढ़बास के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण।

संवाददाता: पुष्पेंद्र सिंह 


 


अलवर 

जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के किशनगढ़बास के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण ।

किसानों को परंपरागत खेती की ओर लौटने की जरूरत-मंत्री भूपेंद्र यादव

 कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाने की जरूरत मंत्री भूपेंद्र यादव

 कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया जिसमें कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के लगभग 3000 से अधिक कृषि छात्र जुड़े।

श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय किशनगढ़बास अलवर के नवीन भवन का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, भूपेन्द्र यादव व विशिष्ट अतिथि मंत्री वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय राजस्थान सरकार, संजय शर्मा, कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ बलराज सिंह, विशिष्ट अतिथि विधायक किशनगढ़बास दीपचंद खेरिया, विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद अलवर, डॉ करण सिंह यादव, विशिष्ट अतिथि विधायक तिजारा, महंत बालकनाथ योगी विशिष्ट अतिथि रहे।


केंद्रीय मंत्री पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, भूपेन्द्र यादव ने कहा कि बदलते जलवायु के हालत के मद्देनजर कृषि शिक्षा को भी इस दिशा में ढालना जरूरी है।

उन्होंने किसानों को परंपरागत खेती की ओर लौटने का आह्वान किया। रासायनिक खादों, विशेषकर यूरिया के अत्यधिक उपयोग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं। किसानों को कम पानी वाली फसलों को अपनाना चाहिए ताकि जल संसाधनों का कुशल उपयोग हो सके।

कृषि मंत्री ने कृषि क्षेत्र में भंडारण सुविधाओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। 

साथ ही वर्तमान में भारत में मिट्टी का कटाव, जैव विविधता की हानि, पानी की कमी, श्रमिकों की उपलब्धता में कमी और खाद्य उत्पादन में गिरावट जैसी चुनौतियां हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीक का उपयोग करना आवश्यक है। उन्होंने रोबोट के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने और कृषि की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया।


मंत्री ने कहा कि माइक्रो इरिगेशन, खाद्य तेल उत्पादन और कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भरता भारत के सामने बड़ी चुनौतियां हैं, क्योंकि देश अभी भी खाद्य तेल के लिए अन्य देशों पर निर्भर है। इसके साथ ही, उन्होंने खेरथल के कृषि महाविद्यालय में डायवर्सिटी पार्क और सड़क निर्माण की घोषणा भी की।


मंत्री वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय राजस्थान सरकार, संजय कुमार शर्मा ने कहा कि किसानों के बेटों को बेहतर कृषि शिक्षा प्रदान करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में ई-लाइब्रेरी की सौगात को सरकार की सराहनीय पहल बताया।


उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने साधारण यूरिया की जगह नीम कोटेड यूरिया तैयार किया है, जो न केवल कृषि के लिए लाभकारी है, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को रोकने में भी मददगार साबित हो रहा है।


विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बलराज सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के कार्य क्षेत्र में 8 जिले हैं जिसके अधीन 15 कृषि महाविद्यालय, 8 कृषि विज्ञान केंद्र, एक कृषि अनुसंधान संस्थान ,दो कृषि अनुसंधान केंद्र व चार कृषि अनुसंधान उप केंद्र संचालित है । साथ ही उन्होंने विश्वविधालय के कार्यिक क्षेत्र , कृषि अनुसंधान, कृषि विज्ञान केंद्र शैक्षणिक व अशैक्षणिक संवर्ग, अंतराष्ट्रीय प्रशिक्षण, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम तथा विश्वविद्यालय की अन्य गतिविधियों के बारे में विस्तृत में वर्णन किया । साथ ही उन्होंने बताया कि विश्वविधालय के कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा का बायो फॉर्टिफाइड व जलवायु प्रतिरोधी व क्लाइमेट रेसिलिएंट किस्म विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान है। दुर्गापुरा से मुंगफली की प्रथम बायोफार्टिफाइड किस्म निकली गई जिसमें प्रोटीन की मात्रा 30 % तक है। 

खैरथल में खरीफ प्याज की खेती में छोटे सेट्स तकनीक को अपनाने से प्याज का उत्पादन काफी बढ़ गया है। इस तकनीक के कारण प्याज की कीमतों में स्थिरता आई है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है। साथ ही, उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रमोशन के क्षेत्र में हो रहे सतत प्रयासों की सराहना की। उन्होंने राज्य सरकार को हॉर्टीकल्चर, पौधारोपण सामग्री आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए धन्यवाद भी व्यक्त किया।


विधायक किशनगढ़बास दीपचंद खेरिया ने कहा कि इस कॉलेज के स्थापित होने से क्षेत्र के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उनकी खेती की उत्पादकता में सुधार होगा। साथ ही, यह कॉलेज किसानों के बेटों को आधुनिक और उन्नत कृषि शिक्षा प्रदान करेगा, जिससे वे नई तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर कृषि क्षेत्र में प्रगति कर सकेंगे। उन्होंने इसे क्षेत्र के विकास और किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।


पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह ने जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज सिंह की सराहना करते हुए कहा कि वे एक कर्मठ और कुशल प्रशासक हैं, जो दिन-रात मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं डॉ. बलराज सिंह को लंबे समय से जानता हूं और उनके द्वारा की गई नियुक्तियां बेहद सराहनीय हैं। युवा पीढ़ी उन्हें हमेशा याद रखेगी। खैरथल के कॉलेज के विकास के लिए केंद्रीय मंत्री व राजस्थान सरकार के मंत्री द्वारा धनराशि प्रदान की जाएगी। साथ ही, बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी ताकि खैरथल का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।

गौरतलब है कि श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर

रिकॉर्ड टाइम में कॉलेज इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने वाला पहला विवि बना, जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत 41 संबद्ध और गठित कॉलेज शामिल है , यह राजस्थान में ही नहीं अभी तो पूरे भारत में सर्वाधिक है, गौरतलब है कि रिकॉर्ड टाइम में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के मामले में आठ नए कृषि महाविद्यालय व एक कृषि विज्ञान केंद्र शामिल है, अब कृषि छात्रों को अच्छे माहौल में गुणवत्तायुक्त कृषि शिक्षा मिलेगी।

इसके साथ ही एसपी मनीष कुमार, जिला कलेक्टर किशोर कुमार व जिला प्रमुख बलवीर सिंह छिल्लर मौजूद रहे।

कार्यक्रम का वर्चुअल प्रसारण किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी संगठनों और कॉलेजों के 3000 से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हुए

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