संवाददाता: हुबलाल यादव
कभी भूख से तड़पते रात बिताने को मजबूर हो जाते है कई मुसहर परिवार
सरकार की लाख कोशिशो के बावजूद भी समाज का सबसे मैला कुचैला मुसहर समुदाय आज भी भुखमरी के कगार पर है कही रहने के लिए छप्पर भी मवन्सर नही,तो कही पेजजल के लिए कोई इंडिया मार्का हैण्डम्प नही ! कभी किसी दिन ऐसा भी आ जाता है कि नन्हे मुन्ने बच्चे समेत पूरा मुसहर परिवार भूखा प्यासा ही सोने को मजबूर हो जाता है !
मिली जानकारी के अनुसार महराजगंज क्षेत्र के कोबी गांव की मुसहर बस्ती आज भी सरकारी सुविधाओ से वंचित है , किसी किसी परिवार को रहने के लिए कोई छत नही मजबूरन बाहर तालपतरी के नीचे तो कोई टूटे छप्पर में सोने को मजबूर है ,दूषित जल पीना कचरे में रहना उनकी आदत सी बन गयी है | कोबी मुसहर बस्ती निवासी 5 बच्चे की मां कुन्ता देवी पत्नी धर्मेन्द बताती है कि उनके पास आवास नही है टूटे छप्पर में बच्चो को लेकर कडा़के की ठंडक में अलाव जलाकर रात बिताती पड़ रही है उन्हे राशन कार्ड नही बना है जिस कारण किसी दिन भूखे प्यासे बच्चो को लेकर सोना पड़ जाता है पति धर्मेन्द को जांब कार्ड भी नही है बाहर ईट गारा की मजदूरी करते है जिस दिन काम नही मिलता उस दिन बच्चो समेत रात बिना भोजन को ही भूखे पेट सो जाना पड़ता है |इसी तरह राजेश की पत्नी भुनगा देवी का कहना है कि उन्हे भी अपने पांच बच्चो के साथ प्लास्टिक की पन्नी में रात बितानी पड़ती है बताती है कि पिछले पंच वर्षीय में आवास के नाम पर एक लाख रूपये खाते में आई थी जिसमें से तत्ककालिक प्रधान शिवप्रसाद गौतम द्वारा बीस हजार जबरी ले लिया गया था बचे पैसे से आवास की नीव व चारो तरफ से दीवारे ही खड़ी हो पायी पैसा खतम हो गया आवास पर छत नही पड़ सकी उसी में प्लास्टिक पन्नी डालकर जीवन यापन करना पड़ रहा है ,मुन्ना मुसहर ने बताया कि बस्ती में किसी परिवार के किसी सदस्य के पास एक भी डिसमिल जमीन खेती योग्य नही है
पुस्तैनी धंधा पत्तल बनना भी बंद हो गया किसी तरह मजदूरी कर बस्ती के लोग अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे है |गरीबी इतनी है कि बच्चो को फटे पुराने मैले कुचैले कपडे पहनना उनकी मजबूरी है ,कडा़के की ठ़ंड में भी सरकार द्वारा अलाव नही जलाया गया, भुनगा देवी कुन्ता, नन्हे ,मिठ्ठू ,किसन, कैलासी ने यह भी बताया कि मौजूदा प्रधान राममिलन यादव और ग्राम विकास अधिकारी दिनेश सिंह कभी बस्ती तक नही आ सके |
इस सम्बन्ध में बीडीओ महराजगंज दिनेश प्रताप सिंह का कहना है कि गांव की मुसहर बस्ती में सभी परिवारो को आवास दिया जा चुका है | यदि कोई पात्र ब्यक्ति छूट गया है तो उसे भी सुविधाए प्रदान की जायेगी !