प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका ने बताया, "लगभग 180 कॉटेज बने हुए थे। हमने बहुत सावधानी से बनाया। सभी को मना किया गया कि किसी प्रकार का अग्नि का कोई काम ना करें।
जहां हमने सीमा बनाई उसके पार सर्कुलेटिव एरिया घोषित की गई थी। पता नहीं प्रशासन ने वे जगह किसे दी... उस तरफ से अग्नि की कोई चीज हमारे तरफ आई और आग फैल गई। हमारा कुछ नहीं बचा सब खत्म हो गया। हमारी रसोई टीन शेड की थी, पक्की थी।*