चुनाव आयुक्त का सस्पेंस !
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। यानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद वे रिटायर हो जाएंगे। यह उनकी आखिरी चुनाव है। उसके बाद परंपरा के मुताबिक दूसरे सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया जाता है। इस लिहाज से ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त बनना चाहिए। लेकिन इस बार लग रहा है कि यह परंपरा टूट सकती है। हालांकि अब भी ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त की रेस में हैं, लेकिन सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का दायरा बढ़ा करके बाहर से भी किसी को लाने पर विचार कर रही है।
असल में पहली बार मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति केंद्र सरकार के बनाए नए कानून के तहत होगी। नए कानून के मुताबिक एक सर्च पैनल बनाया जाएगा, जो नियुक्ति समिति को पांच नामों की सिफारिश करेगा। नियुक्ति समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत एक वरिष्ठ मंत्री सदस्य होंगे। ये तीन लोग सर्च पेनल की ओर से दिए गए नाम में से किसी को मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त नियुक्त करेंगे।
बताया जा रहा है कि सर्च पेनल की सिफारिश में ज्ञानेश कुमार का भी नाम होगा लेकिन उनसे वरिष्ठ या समकक्ष कुछ अन्य अधिकारियों के नाम भी हो सकते हैं। तभी यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार परंपरा का पालन करती है या परंपरा तोड़ती है। यह भी देखना होगा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी इसकी बैठक में शामिल होते हैं या इस बात के विरोध पर कायम रहते हैं कि सरकार ने चीफ जस्टिस की इस कमेटी से क्यों हटाया ?