Type Here to Get Search Results !
विज्ञापन
    TTN24 न्यूज चैनल मे समस्त राज्यों से डिवीजन हेड - मार्केटिंग हेड एवं ब्यूरो रिपोर्टर- बनने के लिए शीघ्र संपर्क करें - +91 9956072208, +91 9454949349, ttn24officialcmd@gmail.com - समस्त राज्यों से चैनल की फ्रेंचाइजी एवं TTN24 पर स्लॉट लेने लिए शीघ्र सम्पर्क करें..+91 9956897606 - 0522' 3647097

माननीय मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेेश श्री योगी आदित्यनाथ जी का पावन सान्निध्य

 


✨राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू के श्रीमुख से मानस कथा की ज्ञानधारा प्रवाहित

💥माननीय मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेेश श्री योगी आदित्यनाथ जी का पावन सान्निध्य 

🌸संगम के तट पर मानस प्रेमियों का दिव्य संगम

💐परमार्थ निकेतन शिविर, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प, अरैल, प्रयागराज सेक्टर-23 में मानस प्रेमियों का दिव्य अभिनन्दन 

💥परमार्थ निकेतन शिविर, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प और सतुआ बाबा आश्रम के संयुक्त तत्वाधान में दिव्य श्रीराम कथाा का आयोजन

✨परमार्थ निकेतन शिविर प्रयागराज में शंखध्वनि, वेदमंत्र और पुष्पवर्षा से माननीय मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश कर्मयोगी श्री योगी आदित्यनाथ जी अभिनन्दन

🌸आज की दिव्य मानस कथा में माननीय मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश, कर्मयोगी, श्री योगी आदित्यनाथ जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, म म स्वामी संतोषदास जी (सतुआ बाबा), डा साध्वी भगवती सरस्वती जी और पूज्य संतों का पावन सान्निध्य

🌺जय सियाराम के उद्घोष से मानस कथा के दूसरे दिन का शुभारम्भ

💐पूज्य बापू ने दिया संदेश - अपने बच्चों के स्कूल बैंग में गीता और रामायण रखे क्योंकि ये किताब नहीं दिव्य नेत्र हैं

💥महाकुम्भ प्रयागराज का दृश्य जाति-पति से मुक्त भारत का संदेेश

✨कथा का संदेश राष्ट्रीय एकता का संदेेश

🙏🏾योगी आदित्यनाथ 

🌸मानस कथा स्वयं में एक महाकुम्भ

🙏🏾मोरारी बापू

🌺पूज्य बापू के पावन चरणों में बैठना भी एक कथा है

🙏🏾स्वामी चिदानन्द सरस्वती


प्रयागराज, 19 जनवरी। महाकुंभ की पवित्र धरती पर, परमार्थ निकेतन शिविर, अरैल, प्रयागराज में विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रसंत पूज्य श्री मोरारी बापू जी के श्रीमुख से प्रवाहित हो रही मानस ज्ञान गंगा में आज उत्तरप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का दिव्य आगमन हुआ। 

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और म म स्वामी संतोषदास जी (सतुआ बाबा) ने माननीय योगी आदित्यनाथ जी का अभिनन्दन किया।

मानस ज्ञान गंगा के प्रवाह को आत्मसात करने और अंतस के संगम को बनाये रखने के लिये विश्व के अनेक देशों के साधकों ने सहभाग किया। पूरा परमार्थ निकेतन शिविर मानस ज्ञान धारा के आनंद में आनन्दित व हर्षित है।

उत्तरप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने मानस कथा में सहभाग कर अपने आशीर्वचनों से सभी को अभिभूत करते हुये कहा कि प्रयागराज की पावन धरा पर महाकुम्भ के दिव्य अवसर पर परमार्थ निकेतन की ओर से आयोजित पूज्य बापू की कथा में आने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज मैने देखा कि प्रयागराज के सारे घाट पावन श्रद्धालुओं से भरे हैं। यह भारत का दृश्य है जो जाति-पति से मुक्त भारत का संदेश दे रहा है; भारत की एकता का संदेश दे रहा हैं। यह दृश्य अखंड़ भारत का मार्ग प्रशस्त करने का संदेश दे रहा है।

माननीय योगी जी ने कहा कि मुझे पूज्य बापू की कई कथाओं में सहभाग करने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रत्येक कथा में कुछ न कुछ नया व रोचकता होती हैं। हरि अनंत, हरि कथा अनंता। उन्होंने कहा कि प्रयाग की धरती पर अक्षय वट है, सरस्वती कूप भी है, नागवासुकी का पावन मन्दिर है, महर्षि भारद्वाज जी का आश्रम है और पावन त्रिवेणी का संगम भी है इस पवित्र धरा पर आप सभी का अभिनन्दन है। 

उन्होंने कहा कि कथा, का संदेश राष्ट्रीय एकता का संदेश होना चाहिये; अखंड़ भारत का संदेश होना चाहिये, उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम के मिलन का संदेश होना चाहिये। आप सभी अंखड़ भारत का संदेश लेकर जायें।

राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू ने आज की मानस कथा का शुभारम्भ मंगलभवन अमंगलहारी चौपाई से किया। मानस कथा, मानसिक नेत्रों को जीवंत व जागृत करने का दिव्य माध्यम है। मानस कथा स्वयं में एक महाकुम्भ है। संगम में स्नान करने के लिये हमें तन लेकर आना होता है और मानस, महाकुम्भ; कथा की त्रिवेणी में स्नान के लिये हमें अन्तस के चक्षुओं को लेकर आना होता है। कथा की त्रिवेणी में स्नान के लिये तन को ही नहीं बल्कि मन को भी लेकर आना पड़ता है। कथा के महाकुम्भ के स्नान के लिये सिद्धि ही नहीं बुद्धि को भी लेकर आना होता है। बापू ने आह्वान किया कि महाकुम्भ में स्नान के लिये तन से, मन से और अपार श्रद्धा के साथ आये। जो बल और बुद्धि लेकर आयेगा वहीं कुम्भ में अवगाहन कर सकता है। कुम्भ में स्नान के लिये विŸा की आवश्यकता होती है और कथा के महाकुम्भ में स्नान के लिये चिŸा की आवश्यकता होती है। त्रिवेणी में डुबकी लगने के लिये हमने अंलकारों को उतारना होता है और कथा में डुबकी लगाने के लिये अहंकार को उतरना होता है।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हम बहुत सौभाग्यशाली है कि हमें तीर्थराज प्रयाग महाकुम्भ में आने का अवसर मिल रहा है। 6 वर्ष में बाद एक अर्द्धकुम्भ आता है, 12 वर्ष में कुम्भ आता है और जब 12 कुम्भ हो जाते हैं तब महाकुम्भ आता है। अगला महाकुम्भ 2170 वें वर्ष में होगा। हम से पहले भी, हम और हमारे बाद भी शायद किसी को ऐसा अवसर प्राप्त होगा। हमें संगम के तट पर संगम के चरणों में संगम होने का अवसर मिल रहा है। हमारा जीवन संगम बने इसलिये तो यह अवसर प्राप्त हुआ है। 

स्वामी जी ने कहा कि पूज्य बापू के पावन चरणों में बैठना भी एक कथा है। कथा हमें श्रवण व समर्पण का लाभ प्रदान करती है। यह श्रवण से समर्पण की यात्रा है। श्रवण करते-करते प्रभु के प्रति समर्पण हो जाये यही तो संगम है। 

स्वामी जी ने कहा कि आज भारत के महान सपुत महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि है। उन्होंने घास की रोटियाँ खाकर अपने देश को बचाने के अनेकों लड़ाईयाँ लड़ी। वे 208 किलो की तलवार लेकर अपने चेतक पर बैठकर अपने राष्ट्र के लिये लड़ते रहे। यह भारत का सौभाग्य है कि हमें ऐसे महापुरूषों की भूमि में जन्म मिला है।

स्वामी जी ने कहा कि हमें अमृत काल में कथा का अमृत स्नान करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। पूरे विश्व में न जाने कितने संघर्ष है, फायर है परन्तु बापू की कथा उन सब के बीच एक पुण्य गाथा है जो संघर्ष नहीं साहस प्रदान करती है; संघर्ष नहीं समरसता प्रदान करती है। बापू के वचन केवल भारत के लिये नहीं बल्कि पूरे सृष्टि के लिये है। इस देश के संगम को बनाये रखने के लिये पूज्य बापू की कथा समर्पित है। यह संगम महाकुम्भ मानस कथा है।

महाकुंभ के पावन अवसर पर प्रयागराज की दिव्य धरती पर, परमार्थ निकेतन शिविर, अरैल, सेक्टर 23 में दिव्य, अलौकिक, अद्भुत श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। 18 जनवरी 2025 से 26 जनवरी 2025 तक प्रतिदिन, सुबह 10 बजे से 1 बजे तक मानस ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है। विश्व प्रसिद्ध श्रीरामकथा मर्मज्ञ, राष्ट्रसंत, परम पूज्य संत मोरारी बापू जी, के श्रीमुख से श्रीराम कथा का अमृतपान आप सभी पधारें।

Advertisement Advertisement

Advertisement Advertisement

Advertisement Advertisement


Advertisement Advertisement
Youtube Channel Image
TTN24 | समय का सच www.ttn24.com
Subscribe