छिंदवाड़ा से आमला मैमो ट्रेन मैं आखिर महिला कोच क्यों नहीं! यह बड़ा प्रश्न है?
छिंदवाड़ा:-विगत कई दिनों से संचालित छिंदवाड़ा से आमला आमला से छिंदवाड़ा मेमो ट्रेन जो की छोटे बड़े रोजगार से सम्बंधित महिला पुरुष एवं छात्र-छात्राएं व प्रतिदिन नौकरी पेशा लोग इस ट्रेन के सहारे अपने जीवन का हिस्सा मान कर प्रतिदिन यात्रा के सुविधा का लाभ उठाते हैं और आना जाना करते हैं जोकि उनकी जरूरत बन गई है
वहीं पर देखा जाता है कि इससे यात्रा के दौरान कुछ आसामाजिक अपराधी तत्व द्वारा शराब पीकर एवं मनचलों के द्वारा छेड़ा छाडी लगातार होती रही है ! अलग-अलग स्टेशन मैं चढ़कर यह लोग अपराध को अंजाम देते हैं इसके कारण मजबुरी के मारी महिला एवं छात्राएं इन आवारा लोगों के अत्याचारों को चुपचाप सहन करने पर मजबूर है ना चाहने के बाऊजुद भी मजबूरी मैं सब कुछ सहती रहती है वही देखा गया है कि रेल प्रशासन पूरी तरह से सब कुछ देखते हुए भी मौन है! रेलवे पुलिस किसी भी प्रकार से ट्रेन में नहीं चलती है जिसे आसानी से इन तत्वों के हौसले बुलंद रहते हैं और वह भोली-भाली लड़कियां एवं महिला को अपना शिकार बनाते रहते हैं बाथरूम में शराब की बोतल पड़ी रहती है ! ट्रेन में जुएं का खेल लगातार जारी होता है चलते हैं ट्रेन में बोगियां की कमी के कारण खचाखच भरे होती है जिसके कारण अपराधी प्रवृत्ति के लोग जानबूझकर सीटों पर कब्जा कर लेते हैं वही इस ट्रेन में महिला कोच की सुविधा बिल्कुल भी नहीं है ?जिम्मेदार नागरिक होने की वजह से कई लोगों की मांग है कि इस में दो महिला कोच को लगाया जाये! और इस महिला कोच में महिला RPF आरक्षक की हमेशा के लिए तैनाती की जाये ! जिससे प्रतिदिन आने जाने वाली महिला अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें! वहीं पर लगातार रेलवे पुलिस की भी तैनाती की जाए! जिससे वहां पर होने वाले शराबी एवं मनचले लोगों से आसामाजिक तत्व जो कि लगातार इसमें ट्रेन को अपना हिस्सा बन चुके हैं उन पर नकेल कसी जाए और शरीफ लोगों को यात्रा में मदद मिल पाए ऐसी जिले के नवनिर्वाचित सांसद श्री विवेक बंटी साहू जो हमेशा रेलवे को के उत्थान के लिए उचित कदम उठाने में तत्पर रहते हैं उनसे मेरी मांग है कि वह इस पर जरूर विचार करें है !और रेलवे से संबंधित अधिकारी को तत्काल इस पर काम करने के लिए आदेशित करें जिससे छिंदवाड़ा जिले को अपमानित होने से बचाया जा सके- छिंदवाड़ा से राजेंद्र अग्रवाल