संवाददाता: एम.एस वर्मा, इटावा व्यूरो चीफ, सोशल मीडिया प्रभारी, 6397329270
मनोज कुमार
समाजवादी पार्टी के कद्दाबर तथा जुझारू नेता हाजी मोहम्मद अहसान
हाजी अहसान मियाँ किसी परिचय के मोहताज नहीं है.
उनका राजनैतिक कैरियर एक दम साफ सुथरा और संघर्षों से भरा रहा है.
उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष सैफई परिवार की सेवा में बिताये है.
हाजी एहसान मियां जिन्हें जसवंत नगर का बच्चा-बच्चा जानता है जिन्होंने मुलायम सिंह यादव के पार्टी गठन के पहले और बादमें होश संभालते ही समाजवादी पार्टी की मुख्य धारा से जुड़कर नगर में पार्टी की नीतियों, रीतियों को आगे बढ़ाने काम हमेशा से किया है.
हाजी एहसान मियां ने वर्ष 1995 में प्रथम बार नगर पालिका का चुनाव निर्दलीय लड़कर प्रचंड जीत के साथ सदन की पहली सीढ़ी पर प्रवेश किया.तथा वर्ष 1996 में सभासदों के द्वारा वोटिंग के आधर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष बने. फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और राजनीति की सीढियां चढ़ते ही चले गये. नगर पालिका अध्यक्ष की अनुपस्थिति में शिवपाल सिंह यादव ने हाजी जी को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर नगर की जनता का सेवा करने का सौभाग्य दिया.वर्ष 2008 में इनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2017 तक इनको नगर प्रमुख महासचिव पद से नवाजा.
अब इनके संघर्षो की भी चर्चा कर लेते है.
वर्ष 2008 में ज़ब प्रदेश में मायावती की सरकार थी तब इन पर हरिजन एक्ट जैसे झूठे मुकदमे भी दर्ज कराये गये.पर इन्होने बिना डरे सहमे उस हरिजन एक्ट का मुकाबला किया और बिजयी हुये.
वर्ष 2006 में फिर सभासदी (पार्षद )का चुनाब निर्दल,जनता के बीच जाकर लड़ा, और प्रचंड जीत के साथ नगर पालिका परिषद सदन में पहुँचे और निर्भीकता पूर्बक 5 वर्षों तक जनता की सेवा की।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में ज़ब अन्य दल की सरकार थी तब बो लोग फर्जी मतदान करना चाह रहे थे तब कोई सपाई इनको रोकने की हिम्मत नहीं जुटा सका तब हाजी जी ने बूथ कैपचरिंग को रोका तथा विपक्षी पार्टियों को फर्जी मतदान भी नहीं करने दिया इससे असंतुष्ट होकर के प्रशासन ने हाजी जी पर बर्बरता पूर्ण कार्यबाही करते हुये लाठियां से प्रहार किया था.जिसमें उनको चोटे भी आई थी पर धुन के पक्के हाजी ने अपनी जान की परवाह न करते हुए भी शिवपाल सिंह यादव को बिजयी बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.शिवपाल सिंह यादव ने भी इनके इनके जुझारू पन को देखते हुये और प्रभावित होकर हाजी जी को अपना नगर पालिका में प्रतिनिधि बनाकर वर्ष 2022 तक के लिए भेज दिया.
बाइट हाजी अहसान मियाँवर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद विधायक शिवपाल सिंह यादब ने इन पर पुनः दोबारा विश्वास जताया और अपना प्रतिनिधि बना कर नगर पालिका परिषद में फिर भेज दिया.
हाजी जी की इस लोकप्रियता को नगर समाजवादी पार्टी के कुछ चाटुकार नेता इसे हजम नहीं कर पा रहे थे और उन्होंने फूट डालो राज्य करो की नीति अपनानी शुरू कर दी.
इससे पूर्ब की न्यूज़ में हमने हमने लिखा था कि जसवंतनगर में सपा दल में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.सपा अंदरूनी तौर पर दो फाटों में बटी हुई है. एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई मौका हाथ से जाने नहीं देते है.उसी परिपाटी पर चलते हुये हाजी जी के खिलाफ ऐसे मुसलमान को लाये जिनका राजनीति में कोई अस्तित्व ही नहीं है,जिनको नगर के लोग भलीभांति से न जानते है और न पहचानते है हाजी अहसान का अपने राजनैतिक बिरोधियों से कहना है है यदि हमारे खिलाफ किसी को लाने का इतना ही शौक है तो इनको नगर के किसी वार्ड में जनता के बीच में भेजो औकात पता चल जायेगी.
मैं राजनीति के पुरोधाओं को बता देना चाहता हूं जो लोग समाजवादी लहर में भी अपनी बूथ तक भी नहीं जिता पाये हों बो जनता के बीच जाकर चुनाव क्या खाक जीतेंगे.नदी पार के क्षेत्र में सपा की हालत बहुत खराब है पतली है. इसका जुम्मेदार कौन है. हाई कमान या टांग खींचने बाले नेता।हाजी जी को बफ्फ की संपत्ति की देखरेख के लिए भी वर्ष 2002 में कमेटी में नियुक्त किया गया था इनके द्वारा बफ्फ तथा मदरसों की सुचारू रूप से देखरेख की जाती रही. परंतु वर्ष 2018/19 के अभिलेखों में इनके द्वारा निरीक्षण के दौरान कई अनिमितितायें पाई गई थीं तब इन्होने इन अनीमितिताओं को सुधारने के लिए कहा परंतु उनकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.तत्पश्चात इन्होंने बफ्फ नंबर 16/17 गोला बाली मस्जिद के सेक्रेटरी तथा इमाम साहब तथा मदरसे के प्रिंसिपल से समझौता न करके 20 नवम्बर2024 को सुन्नी सेंट्रल बफ्फ बोर्ड लखनऊ को अध्यक्ष पद से अपना त्यागपत्र भेज दिया.जो अनियमितिताये थी बो सब अपने त्यागपत्र में भी लिख दी थी शिवपाल सिंह यादव ने इनकी कार्य शैली से प्रभावित होकर बहुत सम्मान दिया है इसके लिए हाजी का कहना है कि उनका हम आजीवन आभारी रहूंगा.आज हम जो कुछ भी हूँ सब उन्ही की मेहरबानी से हूँ.
एक कहावत है बड़ी मछली छोटी मछली को निगलने का काम हमेशा करती रही है मैंने 40 वर्ष पार्टी की तथा जनता के बीच जाकर अपनी पहचान बनाई है.उससे ही घबड़ा कर जो लोग हमारी पहचान मिटाने की कोशिश कर रहे है बो लोग ऐसा न करें.उसी में हमारी उनकी और पार्टी की भलाई है.हमारी ख़ामोशी को हमारी कमजोरी कतई न समझा जाये.हाजी जी अतिशीघ्र अपने शुभचिंतकों के साथ एक मीटिंग करने जा रहे है. उसी में चर्चा करके ये निर्णय लेंगें कि ऐसी परिस्थितियों में आगे की पारी को कैसे खेलना है.बैसे हम आज भी एक बल्लेबाज के तौर पर शतक मारने की क्षमता रखता हूँ. गेंदबाजों के बाउंसरों से डरने बाला नहीं हूँ. उनके बाउंसरों पर छक्का कैसे मरना है हमको बखूबी पता है. और हम छक्का मारूंगा भी. अगर आउट हुआ तो फिर अच्छी फील्डिंग कर रन बचाऊंगा..
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