शाक्य, कुशवाहा, मौर्य व सैनी समाजवादी पार्टी के तथाकथित PDA का हिस्सा नहीं है क्या ??
जनपद इटावा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का लगातार दो बार मांगलिक कार्यक्रमों में आना हुआ ! एक अपनी सजातीय महिला महासभा प्रदेश महासचिव अनीता यादव और दूसरा सैफ़ई महोत्सव के प्रबंधक वेदव्रत गुप्ता के यहाँ आना हुआ।
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समस्या ये नहीं है कि वो इनमें क्यों आए उनकी पार्टी के कार्यकर्ता है उनके अपने है अवश्य आना चाहिए लेकिन बीते 10 फरवरी को समाजवादी पार्टी के ही जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य के 18 वर्षीय पुत्र का दुःखद निधन हुआ ! समाजवादी पार्टी सुप्रीमो को इतना समय नहीं मिला कि अपने ही पार्टी के जिलाध्यक्ष के पुत्र के दुःखद निधन पर जाकर शोक संवेदना व्यक्त कर सकें ?? या तो अब ये मान लें कि सपा जिलाध्यक्ष उनके अपने नहीं है ??
सामाजिक ताने बाने में माना जाता है किसी की खुशी में भले ही शामिल न हो पाओ लेकिन दुःख-दर्द में अवश्य शामिल होना चाहिए !! लेकिन अपने ही पार्टी के जिलाध्यक्ष के दुःख में शामिल न होना उनके तथाकथित PDA पर सवाल खड़ा करता है या यूं कहा जाए कि शाक्य, कुशवाहा, मौर्य व सैनी केवल वोट बैंक बनकर रह गए है सपा में !!
समाजवादी पार्टी में कार्य करने वाले शाक्य, कुशवाहा, मौर्य व सैनी समाज के नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस विषय पर अवश्य चिंतन मनन व विचार करने की आवश्यकता है !!