जसवंतनगर में 108 फीट लंबे राष्ट्रीय ध्वज एवं 1008 फिट लंबे पचरंगा जैन ध्वज पदयात्रा के साथ श्री नेमिनाथ गिरनार अहिंसा धर्म पद यात्रा का हुआ भव्य स्वागत
रिपोर्ट एम एस वर्मा, मनोज कुमार
जसवंतनगर /इटावा: शनिवार सुबह करीब आठ बजे भगवान नेमिनाथ गिरनार पद यात्रा का नगर में आगमन हुआ दिल्ली से गिरनार जा रही यह पद यात्रा ज़ब जसवंतनगर पहुंची तो नगर आगमन पर जैन समाज के लोगों ने ऐतिहासिक और भव्य स्वागत करते हुए आगवानी की यात्रा में शामिल श्रद्धालु राष्ट्रीय एकता, सद्भावना और अहिंसा का संदेश दे रहे थे।
इस यात्रा में 108 फीट लंबे राष्ट्रीय ध्वज एवं 1008 फिट लंबे पचरंगा जैन ध्वज के साथ जैन तीर्थों के संरक्षण लिखे स्लोगन की तख्तियां हाथ में लिए, जय गिरिनार के जयघोष के साथ हर्ष पूर्वक निकाली गई
नगर के प्रमुख चौराहा पुलिस पिंक बूथ से बड़ा चौराहा, छोटा चौराहा से निकलती हुई यह यात्रा श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंची जहाँ जैन समाज अध्यक्ष राजेश जैन के साथ समूचे समाज ने विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन समेत उनकी पूरी टीम का पगड़ी लगाकर दुपट्टा उड़ा प्रतीक चिन्ह भेट कर समान के साथ भव्य स्वागत किया गया तथा संजय जैन ने भी नेमिनाथ गिरनार का प्रतीक चिन्ह देकर समस्त जैन समाज को 2 जुलाई को भगवान नेमिनाथ के मोक्ष कल्याणक पर गिरिनार पर्वत पर लाडू चढ़ाने को आमंत्रित किया. भोर सवेरे पहुंची यात्रा के भव्य रथ में सवार नेमिनाथ भगवान के जिन बिम्ब की जैन अनुयाई ने मंगल आरती भक्ति आराधना की
पत्रकार वार्ता में विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि 101 दिवसीय 1500 किमी. लंबी इस यात्रा का उद्देश्य जैन तीर्थों के संरक्षण के लिए जैन समाज को एकजुट जागरूक करना है और इस यात्रा का समापन 2 जुलाई को गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले के जैन तीर्थ गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर श्री नेमीनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक दिवस पर निर्वाण लाडू चढ़ाकर होगा उन्होंने जैन समाज को गिरनार क्षेत्र पर भगवान नेमिनाथ के मोक्ष कल्याण दिवस पर चलने की अपील की है.
कस्बा के हाइवे चौराहे पर भारी संख्या में जैन समाज के महिला, पुरुष और बच्चे, युवा, बुजुर्ग इस यात्रा में शामिल हुए आगे के कार्यक्रम में यह नेमिगिरिनार पद यात्रा शाम चार बजे इटावा के लिए प्रस्थान करेंगी जिसकी भव्य आगवानी कल दिनांक 20 अप्रैल दिन रविवार को इटावा समाज करेगी.