कापसी में छोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन लगाने से 55 साल की महिला की हुई मौत
*संवाददाता -उत्तम बनीक पखांजूर*
*जिला - कांकेर छत्तीसगढ़*
हैडलाइन -कापसी में छोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन लगाने से 55 साल की महिला की मौत हो गई। इंजेक्शन लगते ही महिला हालत बिगड़ने लगी मुँह से झाग निकालने लगा झोलाछाप डॉक्टर अनन फानन मे महिला को तत्काल पखांजूर ले जाने को कहा, पारिजनो ने बताया की महिला को तीन,चार रोज से बुखार था। महिला सोमवार को वह अपने दामाद वरुण सिकदार के साथ इलाज के लिए बस्तर मेडिकल स्टोर कापसी पहुंची थी। मेडिकल स्टोर का संचालन जगदीश विश्वास करता है। उसने महिला का खून जांचा और टायफाइड बताया। इसके बाद एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के 10 मिनट बाद ही महिला की हालत बिगड़ गई। वह बेसुध हो गई। मुंह से झाग निकलने लगा। परिजन उसे पखांजूर के वंदना अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
महिला की पहचान ग्राम पी.व्ही 34 निवासी मालती डाकुआ पति बलराम के रूप में हुई है। मौत की खबर मिलते ही मेडिकल स्टोर संचालक जगदीश विश्वास दुकान बंद कर फरार हो गया। उसका मोबाइल भी बंद है। मंगलवार को भी दुकान नहीं खुली।
वंदना अस्पताल ने पुलिस को सूचना दी। पखांजूर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पंचनामा तैयार कर मर्ग कायम किया। शव का पोस्टमार्टम कराया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। परिजनों के बयान लिए जाएंगे। जगदीश विश्वास से भी पूछताछ होगी।
कापसी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। यहां 30 से ज्यादा गांव हैं। आबादी करीब 50 हजार है। लेकिन कोई एमबीबीएस डॉक्टर पदस्थ नहीं है। लगभग साल भर पहले यहां प्राथमिक स्वास्थ केंद्र कापसी मे पदस्थ डॉक्टर को कोयलीबेड़ा भेज दिया गया। तब से पद खाली है। इसी कारण लोग छोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराते हैं। छोलाछाप डॉक्टर पैसा कमाने के लिए लोगो की जान जोखिम मे डाल कर बिना परमिशन के बेखौफ इलाज करते है.
ग्राम पंचायत प्रेमनगर के सरपंच रमेन मंडल ने बताया कि परिजनों ने गलत इंजेक्शन से मौत की जानकारी दी है। उन्होंने आरोपी पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही कापसी में एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति की मांग भी की है। कहा कि जब तक डॉक्टर नहीं आएंगे, तब तक लोग छोलाछाप के पास जाएंगे और ऐसी मौतें होती रहेंगी।
जिस मेडिकल स्टोर पर आरोप है, वह पिछले 10 साल से चल रहा है। संचालक जगदीश विश्वास मेडिकल स्टोर की आड़ में छोलाछाप डॉक्टरी और लैब भी चला रहा था। लाइसेंस किसी और के नाम पर है। लेकिन वह कभी नहीं आता। दुकान का संचालन जगदीश ही करता है।
क्षेत्र में हर गांव में छोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं। मरीजों से पैसे भी वसूले जाते हैं और उनकी जान से खिलवाड़ भी होता है। लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। पखांजूर बीएमओ डॉ. दिलीप सिन्हा ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद महिला का विसरा सुरक्षित रखकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। छोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई का अधिकार उनके पास नहीं है। यह काम प्रशासनिक अधिकारियों का है।