समाजसेवा का जज्बा है तो उम्र कभी आड़े नहीं आती: डा. स्वपन
युवा वर्ग को जागरूक करने में जुटे हैं 72 वर्षीय सेवानिवृत नेत्र रोग चिकित्सक
मोहित गुलाटी
कैथल, 26 अप्रैल : यदि मन में समाजसेवा का जज्बा है तो उम्र कभी आड़े नहीं आती। यह कहना है कि सेवानिवृत नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. स्वपन का। डा. स्वपन सेवानिवृति के उपरांत भी तमलुक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सप्ताह में 2 दिन बिना किसी पारिश्रमिक के विद्यार्थियों की कक्षा लेते हैं। उनका कहना है कि युवा वर्ग को यदि सही समय पर उचित मार्गदर्शन मिल सके तो वे अपनी ऊर्जा का सही उपयोग कर सकते हैं। डा. स्वपन शनिवार को कैथल के करनाल रोड स्थित गुप्ता अस्पताल में डा. विकास गुप्ता से मिले। उन्होंने अस्पताल का मुआयना किया। यहां मरीजों से बातचीत की तथा अस्पताल की ओर से दी जा रही सुविधाओं पर संतोष जताया। डा. विकास गुप्ता ने उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। डा. कविता गोयल, हरचरण छाबडा, मनोज कवात्रा, डा. अश्वनी खुराना, विजय गोयल, सुषम कपूर, नरेंद्र निझावन, खुशी राम दलाल, राजेश नरड, हिम्मत सिंह छौत, रविंद्र, वीके चावला, वीरेंद्र मेहता आदि उपस्थित थे। इसके उपरांत वे ऑक्सफोर्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल कैथल में गए तथा वहां पर विद्यार्थियों को संबोधित किया। बता दें कि नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. स्वपन छत्तीसगढ़ के रायगढ़ मेडिकल कॉलेज से सेवानिवृत होने के बाद निरंतर समाज सेवा में जुड़े हैं। जहां उनके द्वारा उनके पैतृक गांव सिलिका दामोदरपुर में निशुल्क चित्रकला स्कूल की स्थापना की गई है। इस स्कूल में 12 वर्ष तक के लगभग 70 बच्चों को तीन दिन तक सप्ताह में निशुल्क कक्षाएं लेते हैं। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं के लिए फीमेल एंपावरमेंट सेंटर भी बनाया है जहां 6 महीने का सिलाई प्रशिक्षण दिया जाता है प्रशिक्षण शुरू करने के बाद महिलाओं को सिलाई मशीन प्रदान की जाती हैं ताकि वह स्वावलंबी बन सकें। स्वप्न का कहना है कि उनके पिता ने उन्हें सही मार्गदर्शन दिया जिस कारण में एक सफल चिकित्सक बन पाए लेकिन उनके कहीं से पार्टी सही मार्गदर्शन न होने के कारण पीछे कर रह गए। वे चाहते हैं कि गांव व देश के बच्चे व महिलाएं सशक्त बने और अपने जीवन में सफल हो सके इसलिए उन्होंने निशुल्क सेवा और शिक्षा देने का निर्णय लिया है।